अखिल भारत हिन्दू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस के चौहान ने राष्ट्रीय संगठन मंत्री रवि शर्मा को संगठन विद्रोह और अनुशासनहीनता के आरोप में हिन्दू महासभा से निष्कासित किया रवि शर्मा को कई बार लगातार चेतावनी दी गई अपनी अहंकारी छवि को सुधारने की लेकिन उन्होंने निरंतर राष्ट्रीय एवं प्रदेश पदाधिकारियों के साथ अपने विवाद जारी रखे जिसके चलते उन्हें संगठन से निष्कासित किया गया!
11 नवंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रवि शर्मा ने गैर संविधानिक तौर पर अपने मनमानी तरीके से दिल्ली प्रदेश महामंत्री के पद पर कब्जा जमाए रखने राष्ट्रीय संगठन मंत्री पद भी बने रहने के लिए विवाद किया और वरिष्ट पदाधिकारियों से अभद्र भाषा का उपयोग करने के कारण और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की छवि धूमिल का प्रयास साथ ही संगठन में हुई 11000 की डोनेशन में हिस्सा मांगने जैसी बात पर विवाद किया जो संगठन के कार्यों में खर्च होनी है रवि शर्मा बीते समय रविन्द्र कुमार द्विवेदी गुट में भी यही विवाद के कारण बाहर किए जा चुके हैं पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मुनेश भगत के साथ भी यही विवाद निरंतर बना कर रखा गया संगठन को अपने हिसाब से चलाने की मंशा रख कर रवि शर्मा लगातार संगठन में विवाद खड़ा करते रहे हैं जिसकी वजह से राष्ट्रीय अध्यक्ष एस के चौहान ने रवि शर्मा को अब तत्काल प्रभाव से और भविष्य में दोबारा किसी पद पर ना जोड़ने की घोषणा की!
एस के चौहान ने संगठन के सभी पदाधिकारियों को अंतिम चेतावनी दी है के अपने निजी विवाद खुद तक रखें अगर किसी की व्यक्तिगत समस्या का असर संगठन पर हुआ तो ऐसे पदाधिकारी को तत्काल प्रभाव में बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा एस के चौहान ने स्पष्ट कहा है संगठन में नियुक्ति और निष्कासन सभी की सहमति से होता है किसी को व्यक्तिगत समस्या की वजह से संगठन से नही हटाया जा सकता और खुद को संगठन का अधिपति समझने की चेष्टा कर रहे हैं ऐसे किसी व्यक्ति को संगठन में नही रखा जायेगा!
एस के चौहान 2 दिन में जो लोग पद लेकर निष्क्रिय बैठे हैं उनकी सूची बना कर सभी को निष्कासित कर नए पदाधिकारियों की घोषणा करेंगे!